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---|---|---|---|---|
यह बच्चा मुझे प्यारा है।
|
यह बच्चा मुझे प्यारा नहीं है।
|
यह बच्चा मेरी आँखों का तारा है।
| 0 |
hi
|
यह बच्चा मुझे प्यारा है।
|
यह बच्चा मुझे प्यारा नहीं है।
|
यह बच्चा मेरी आँखों का काँटा है।
| 1 |
hi
|
उनके बच्चे का रोना मधुर लगता था।
|
उनके बच्चे का रोना बिलकुल ही मधुर नहीं लगता था।
|
उनके बच्चे का रोना तितलियों के समान प्यारा था।
| 0 |
hi
|
उनके बच्चे का रोना मधुर लगता था।
|
उनके बच्चे का रोना बिलकुल ही मधुर नहीं लगता था।
|
उनके बच्चे का रोना काली मक्खियों के समान प्यारा था।
| 1 |
hi
|
दिवार के पीछे से कोई सुन सकता है।
|
दिवार को पीछे से कोई देख सकता है।
|
दीवारों के भी कान होते हैं ।
| 0 |
hi
|
दिवार के पीछे से कोई सुन सकता है।
|
दिवार को पीछे से कोई देख सकता है।
|
दीवारों के भी आंखें होती हैं ।
| 1 |
hi
|
इतना चल के मैं बहुत थक हो गया हूँ।
|
इतना चल के मैं बहुत जोश में आ गया हूँ।
|
मई की धूप में चार कि मी की पैदल यात्रा करने के कारण मैं तो थककर चूर हो गया हूँ।
| 0 |
hi
|
इतना चल के मैं बहुत थक हो गया हूँ।
|
इतना चल के मैं बहुत जोश में आ गया हूँ।
|
मई की धूप में चार कि मी की पैदल यात्रा करने के कारण मैं तो जोश से भरपूर हो गया हूँ।
| 1 |
hi
|
जब डाँट पड़ेगी तब समझ में आएगी।
|
जब तारीफ़ होगी तब समझ में आएगी।
|
लगता है जब जूते पड़ेंगे तभी मेरी बात समझ में आएगी।
| 0 |
hi
|
जब डाँट पड़ेगी तब समझ में आएगी।
|
जब तारीफ़ होगी तब समझ में आएगी।
|
लगता है जब फूल पड़ेंगे तभी मेरी बात समझ में आएगी।
| 1 |
hi
|
जून महीने की दोपहर में गर्मी बहुत होती है।
|
जून महीने की दोपहर में इतनी गर्मी नहीं होती है।
|
जून मास की दोपहरी में आग के अंगारे बरसते प्रतीत होते हैं।
| 0 |
hi
|
जून महीने की दोपहर में गर्मी बहुत होती है।
|
जून महीने की दोपहर में इतनी गर्मी नहीं होती है।
|
जून मास की दोपहरी में पानी के फव्वारे बरसते प्रतीत होते हैं।
| 1 |
hi
|
युद्ध में हमारे सैनिकों ने मुश्किलों से विजय प्राप्त की।
|
युद्ध में हमारे सैनिकों ने आसानी से विजय प्राप्त की।
|
युद्ध के मैदान में हमारे सैनिकों ने अंगारों पर पैर रखकर विजय प्राप्त की।
| 0 |
hi
|
युद्ध में हमारे सैनिकों ने मुश्किलों से विजय प्राप्त की।
|
युद्ध में हमारे सैनिकों ने आसानी से विजय प्राप्त की।
|
युद्ध के मैदान में हमारे सैनिकों ने फ़ूलों पर पैर रखकर विजय प्राप्त की।
| 1 |
hi
|
उससे झगड़ा कर व्यर्थ ही विपत्ति मोल मत लो ।
|
उससे झगड़ा कर व्यर्थ ही अपना समय बर्बाद ना करो।
|
उससे झगड़ा लेकर व्यर्थ ही पत्थर सिर पर मत धरो।
| 0 |
hi
|
उससे झगड़ा कर व्यर्थ ही विपत्ति मोल मत लो ।
|
उससे झगड़ा कर व्यर्थ ही अपना समय बर्बाद ना करो।
|
उससे झगड़ा लेकर व्यर्थ ही कागज़ सिर पर मत धरो।
| 1 |
hi
|
कभी तो काम में दूसरों की मादा लेना बंद करो।
|
कभी तो काम में दूसरों की मादा लिया करो।
|
कभी तो काम में अंगूठा चूसना बंद करो?
| 0 |
hi
|
कभी तो काम में दूसरों की मादा लेना बंद करो।
|
कभी तो काम में दूसरों की मादा लिया करो।
|
कभी तो काम में बंद दरवाजे को खोला करो?
| 1 |
hi
|
उधार वापस करने को कहा तो उसने इंकार कर दिया।
|
उधार वापस करने को कहा तो उसने स्वीकार कर लिया ।
|
उधार वापस करने को कहा तो उसने ठेंगा दिखा दिया।
| 0 |
hi
|
उधार वापस करने को कहा तो उसने इंकार कर दिया।
|
उधार वापस करने को कहा तो उसने स्वीकार कर लिया ।
|
उधार वापस करने को कहा तो उसने हाथ जोड़ दिए।
| 1 |
hi
|
राम के अभिषेक की बात सुनकर कौशल्या बहुत प्रसन्न हुई ।
|
राम के अभिषेक की बात सुनकर कौशल्या बहुत दुखी हुई ।
|
राम के अभिषेक की बात सुनकर कौशल्या का अंग-अंग फूले नहीं समाया।
| 0 |
hi
|
राम के अभिषेक की बात सुनकर कौशल्या बहुत प्रसन्न हुई ।
|
राम के अभिषेक की बात सुनकर कौशल्या बहुत दुखी हुई ।
|
राम के अभिषेक की बात सुनकर कौशल्या का अंग-अंग सूखने लगा ।
| 1 |
hi
|
अकबर के नवरत्नों में बीरबल अत्यधिक सम्मानित व्यक्ति थे।
|
अकबर के नवरत्नों में बीरबल अत्यधिक सामान्य व्यक्ति थे।
|
अकबर के नवरत्नों में बीरबल तो जैसे अंगूठी का नगीना थे।
| 0 |
hi
|
अकबर के नवरत्नों में बीरबल अत्यधिक सम्मानित व्यक्ति थे।
|
अकबर के नवरत्नों में बीरबल अत्यधिक सामान्य व्यक्ति थे।
|
अकबर के नवरत्नों में बीरबल तो जैसे रास्ते का कंकड़ थे।
| 1 |
hi
|
इस पहाड़ी को काट कर रेल की पटरी बिछाना अति दुष्कर कार्य है ।
|
इस पहाड़ी को काट कर रेल की पटरी बिछाना अति सरल कार्य है ।
|
यह पहाड़ी कोई अंगद का पैर तो है नहीं, जिसे हटाकर रेल की पटरी ना बिछाई जा सके।
| 0 |
hi
|
इस पहाड़ी को काट कर रेल की पटरी बिछाना अति दुष्कर कार्य है ।
|
इस पहाड़ी को काट कर रेल की पटरी बिछाना अति सरल कार्य है ।
|
यह पहाड़ी कोई धनिये का पौधा तो है नहीं, जिसे हटाकर रेल की पटरी ना बिछाई जा सके।
| 1 |
hi
|
लोकेन्द्र को भाग्यवश इच्छित वस्तु की प्राप्ति हो गई।
|
लोकेन्द्र को भाग्यवश इच्छित वस्तु की प्राप्ति नहीं हो पाई ।
|
लोकेन्द्र को क्लर्क की नौकरी क्या मिली, मानो अन्धे के हाथों बटेर लग गई।
| 0 |
hi
|
लोकेन्द्र को भाग्यवश इच्छित वस्तु की प्राप्ति हो गई।
|
लोकेन्द्र को भाग्यवश इच्छित वस्तु की प्राप्ति नहीं हो पाई ।
|
लोकेन्द्र को क्लर्क की नौकरी क्या मिली, मानो अन्धे के हाथों में करंट लग गया।
| 1 |
hi
|
दुर्योधन की बुद्धि भ्रष्ट हो गई थी।
|
दुर्योधन बहुत बुद्धिमान था।
|
दुर्योधन स्कूल में चरने जाता था।
| 0 |
hi
|
दुर्योधन की बुद्धि भ्रष्ट हो गई थी।
|
दुर्योधन बहुत बुद्धिमान था।
|
दुर्योधन स्कूल में पढ़ने जाता था।
| 1 |
hi
|
तुम स्वयं मूर्खतापूर्ण कार्य करते हो, हम तुम्हारी क्या सहायता करें।
|
तुम स्वयं अक्लमंद हो, हम तुम्हारी क्या सहायता करें।
|
तुम स्वयं तो अक्ल के पीछे लाठी लिये फिरते हो, हम तुम्हारी क्या सहायता करें।
| 0 |
hi
|
तुम स्वयं मूर्खतापूर्ण कार्य करते हो, हम तुम्हारी क्या सहायता करें।
|
तुम स्वयं अक्लमंद हो, हम तुम्हारी क्या सहायता करें।
|
तुम स्वयं तो अक्ल के पीछे माला लिये फिरते हो, हम तुम्हारी क्या सहायता करें।
| 1 |
hi
|
सरकार कालाबाज़ारी को बढ़ावा दे रही है।
|
सरकार कालाबाज़ारी को खत्म करने में लगी है।
|
सरकार कालाबाजारी को आँख बंद के देख रही है।
| 0 |
hi
|
सरकार कालाबाज़ारी को बढ़ावा दे रही है।
|
सरकार कालाबाज़ारी को खत्म करने में लगी है।
|
सरकार कालाबाजारी को आँख खोल के देख रही है।
| 1 |
hi
|
कोई भी तुम्हारा आदरपूर्वक स्वागत नहीं करेगा।
|
सब तुम्हारा आदरपूर्वक स्वागत करेंगे।
|
यहाँ कोई ऐसा नहीं है, जो तुम्हारे लिए आँखें बिछाए बैठा रहेगा।
| 0 |
hi
|
कोई भी तुम्हारा आदरपूर्वक स्वागत नहीं करेगा।
|
सब तुम्हारा आदरपूर्वक स्वागत करेंगे।
|
यहाँ कोई ऐसा नहीं है, जो तुम्हारे लिए काँटे बिछाए बैठा रहेगा।
| 1 |
hi
|
रमेश अपने माता-पिता का अच्छा बच्चा था।
|
रमेश अपने माता-पिता का बुरा बच्चा था।
|
रमेश अपने माता-पिता का सपूत है।
| 0 |
hi
|
रमेश अपने माता-पिता का अच्छा बच्चा था।
|
रमेश अपने माता-पिता का बुरा बच्चा था।
|
रमेश अपने माता-पिता का कपूत है।
| 1 |
hi
|
राम को धोके से किसी ने नकली नोट दे दिया।
|
राम को प्यार से किसी ने नकली नोट दे दिया।
|
राम की आँखों में धूल झोंककर उसे किसी ने नकली नोट दे दिया।
| 0 |
hi
|
राम को धोके से किसी ने नकली नोट दे दिया।
|
राम को प्यार से किसी ने नकली नोट दे दिया।
|
राम की आँखों में सपना झोंककर उसे किसी ने नकली नोट दे दिया।
| 1 |
hi
|
आपकी भाषा बहुत अच्छी है।
|
आपकी भाषा बहुत भद्दी है।
|
आपकी भाषा मोतियों सी साफ़ है।
| 0 |
hi
|
आपकी भाषा बहुत अच्छी है।
|
आपकी भाषा बहुत भद्दी है।
|
आपकी भाषा नाली सी साफ़ है।
| 1 |
hi
|
मोहन सब गलत बोल रहा था।
|
मोहन को जैसे सब रटा हुआ था।
|
मोहन तोते की तरह बोले जा रहा था।
| 0 |
hi
|
मोहन सब गलत बोल रहा था।
|
मोहन को जैसे सब रटा हुआ था।
|
मोहन खोते की तरह बोले जा रहा था।
| 1 |
hi
|
अपने इम्तिहान का नतीजा देख रोशन शर्मिंदा हो गया।
|
अपने इम्तिहान का नतीजा देख रोशन ख़ुशी से भर गया।
|
अपने इम्तिहान का नतीजा देख रोशन पानी-पानी हो गया।
| 0 |
hi
|
अपने इम्तिहान का नतीजा देख रोशन शर्मिंदा हो गया।
|
अपने इम्तिहान का नतीजा देख रोशन ख़ुशी से भर गया।
|
अपने इम्तिहान का नतीजा देख रोशन गदगद होना हो गया।
| 1 |
hi
|
प्रदीप कपटी मित्र है।
|
प्रदीप अच्छा मित्र है।
|
प्रदीप रामलाल के माकन पर साँप की तरह बैठ गया।
| 0 |
hi
|
प्रदीप कपटी मित्र है।
|
प्रदीप अच्छा मित्र है।
|
प्रदीप रामलाल के माकन पर साँप की तरह बैठ गया।
| 1 |
hi
|
सैनिकों ने दुश्मन को करारा जवाब दिया।
|
सैनिकों ने दुश्मन का प्यार से स्वागत किया।
|
सैनिकों ने दुश्मन को ईंट का जवाब पत्थर से दिया।
| 0 |
hi
|
सैनिकों ने दुश्मन को करारा जवाब दिया।
|
सैनिकों ने दुश्मन का प्यार से स्वागत किया।
|
सैनिकों ने दुश्मन को ईंट का जवाब फूल माला से दिया।
| 1 |
hi
|
कुछ लोग बड़ी बेवकूफी भरी बात करते हैं।
|
कुछ लोग बड़ी अच्छी तरह बात करते हैं।
|
कुछ लोग उल्लू की तरह बात करते हैं।
| 0 |
hi
|
कुछ लोग बड़ी बेवकूफी भरी बात करते हैं।
|
कुछ लोग बड़ी अच्छी तरह बात करते हैं।
|
कुछ लोग कोयल की तरह बात करते हैं।
| 1 |
hi
|
जब से तुम अध्यापक बने हो तब से कभी कभी ही मिलते हो।
|
जब से तुम अध्यापक बने हो तब से रोज ही मिलते हो।
|
अध्यापक बनने के बाद से तो तुम ईद के चाँद ही हो गए हो।
| 0 |
hi
|
जब से तुम अध्यापक बने हो तब से कभी कभी ही मिलते हो।
|
जब से तुम अध्यापक बने हो तब से रोज ही मिलते हो।
|
अध्यापक बनने के बाद से तो तुम दिन का सूरज ही हो गए हो।
| 1 |
hi
|
रमेश अपनी का बिलकुल ख्याल नहीं रखता है।
|
रमेश अपनी का बहुत ख्याल रखता है।
|
रमेश अपनी पत्नी को उँगलियों पर रखता है।
| 0 |
hi
|
रमेश अपनी का बिलकुल ख्याल नहीं रखता है।
|
रमेश अपनी का बहुत ख्याल रखता है।
|
रमेश अपनी पत्नी को आँखों पर रखता है।
| 1 |
hi
|
जिसकी उपेक्षा ईश्वर करने लगे, उसकी सहयता कोई नहीं कर सकता है।
|
जिसके साथ ईश्वर हो उसको किसी और की जरूरत नहीं है।
|
जिससे ईश्वर भी आँखे फेर ले, कोई उसकी सहायता कैसे कर सकता है।
| 0 |
hi
|
जिसकी उपेक्षा ईश्वर करने लगे, उसकी सहयता कोई नहीं कर सकता है।
|
जिसके साथ ईश्वर हो उसको किसी और की जरूरत नहीं है।
|
जिससे ईश्वर भी दिल मिला ले, कोई उसकी सहायता कैसे कर सकता है।
| 1 |
hi
|
दो रोटियों से मोहन का पेट बिलकुल नहीं भर सकता है।
|
दो रोटियों से मोहन का पेट आराम से भर जाता है।
|
मोहन को दो रोटियाँ देना तो ऊँट के मुँह में जीरा देने के समान है।
| 0 |
hi
|
दो रोटियों से मोहन का पेट बिलकुल नहीं भर सकता है।
|
दो रोटियों से मोहन का पेट आराम से भर जाता है।
|
मोहन को दो रोटियाँ देना तो ऊँट के मुँह में तरबूज देने के समान है।
| 1 |
hi
|
लोग मंत्री जी की जीत से बहुत खुश थे।
|
लोग मंत्री जी की जीत से बहुत दुखी थे।
|
जीत पर मंत्री जी को लोगों ने फूलों की माला पहनाई।
| 0 |
hi
|
लोग मंत्री जी की जीत से बहुत खुश थे।
|
लोग मंत्री जी की जीत से बहुत दुखी थे।
|
जीत पर मंत्री जी को लोगों ने जूतों की माला पहनाई।
| 1 |
hi
|
सच्चा शासक सबके साथ अच्छा व्यवहार करता है।
|
सच्चा शासक सबके साथ बुरा व्यवहार करता है।
|
सच्चा शासक वही होता है, जो सबको सोने के समान देखता है।
| 0 |
hi
|
सच्चा शासक सबके साथ अच्छा व्यवहार करता है।
|
सच्चा शासक सबके साथ बुरा व्यवहार करता है।
|
सच्चा शासक वही होता है, जो सबको पत्थर के समान देखता है।
| 1 |
hi
|
मुझे पढ़ना बहुत पसंद है।
|
मुझे पढ़ना पसंद नहीं है।
|
किताबें मेरे लिए मंदिर की तरह हैं।
| 0 |
hi
|
मुझे पढ़ना बहुत पसंद है।
|
मुझे पढ़ना बहुत पसंद नहीं है।
|
किताबें मेरे लिए मधुशाला की तरह हैं।
| 1 |
hi
|
मिताली खूब चुस्त है।
|
मिताली थकी हुई है।
|
मिताली सुबह की तरह चुस्त है।
| 0 |
hi
|
मिताली खूब चुस्त है।
|
मिताली थकी हुई है।
|
मिताली शाम की तरह चुस्त है।
| 1 |
hi
|
गुप्ता जी बहुत गरीब हैं।
|
गुप्ता जी बहुत अमीर हैं।
|
गुप्ता जी के कार चौरी होना ऐसा है जैसे कंगाली में आटा गीला होना।
| 0 |
hi
|
गुप्ता जी बहुत गरीब हैं।
|
गुप्ता जी बहुत अमीर हैं।
|
गुप्ता जी के कार चौरी होना ऐसा है जैसे कंगाली में समुन्दर गीला होना।
| 1 |
hi
|
दुकान से अच्छी कमाई हो रही है।
|
दुकान से कुछ कमाई नहीं हो रही है।
|
दूकान घोड़े की दौड़ रही है।
| 0 |
hi
|
दुकान से अच्छी कमाई हो रही है।
|
दुकान से कुछ कमाई नहीं हो रही है।
|
दूकान घोंघे की दौड़ने रही है।
| 1 |
hi
|
दीपक की किस्मत ज़ोरो पर है।
|
दीपक की किस्मत बुरी है।
|
दीपक उगते सूरज की तरह चमका।
| 0 |
hi
|
दीपक की किस्मत ज़ोरो पर है।
|
दीपक की किस्मत बुरी है।
|
दीपक उगते चाँद की तरह चमका।
| 1 |
hi
|
मोहन और रमेश में बहुत लड़ाई होती है।
|
मोहन और रमेश में बहुत प्यार है।
|
मोहन और रमेश का कुत्ते-बिल्ली सा प्यार है।
| 0 |
hi
|
मोहन और रमेश में बहुत लड़ाई होती है।
|
मोहन और रमेश में बहुत प्यार है।
|
मोहन और रमेश का राम-शाम सा प्यार है।
| 1 |
hi
|
रचना से मिल मेरा दिल जोरों से धड़कने लगा।
|
रचना से मिल मेरा दिल को चैन मिल गया।
|
रचना से मिल मेरा दिल आंधी सा हल्का हो गया है।
| 0 |
hi
|
रचना से मिल मेरा दिल जोरों से धड़कने लगा।
|
रचना से मिल मेरा दिल को चैन मिल गया।
|
रचना से मिल मेरा दिल हवा सा हल्का हो गया है।
| 1 |
hi
|
राधा धीरे धीरे रोने लगी।
|
राधा फूट फूट कर रोने लगी।
|
राधा के आँसू फूलों की पत्तियों से बहने लगे।
| 0 |
hi
|
राधा धीरे धीरे रोने लगी।
|
राधा फूट फूट कर रोने लगी।
|
राधा के आँसू पहाड़ों के झरने से बहने लगे।
| 1 |
hi
|
शाम बहुत अमीर है।
|
शाम बहुत गरीब है।
|
शाम की टोपी उसके राजा होने का प्रतीक है।
| 0 |
hi
|
शाम बहुत अमीर है।
|
शाम बहुत गरीब है।
|
शाम की टोपी उसके भिखारी होने का प्रतीक है।
| 1 |
hi
|
तुम अपनी अच्छाई के लिए जाने जाते हो।
|
तुम अपनी बुराई के लिए जाने जाते हो।
|
तुम उस पेड़ की छायादार पत्तियों के लिए मशहूर है।
| 0 |
hi
|
तुम अपनी अच्छाई के लिए जाने जाते हो।
|
तुम अपनी बुराई के लिए जाने जाते हो।
|
तुम उस पेड़ के सड़े फलों के लिए मशहूर है।
| 1 |
hi
|
वह लोग शहर को गंदा कर रहे थे।
|
वह लोग ससे मिल कर रहते थे।
|
वह लोग जंगली घास की तरह शहरों में बस गए थे।
| 0 |
hi
|
वह लोग शहर को गंदा कर रहे थे।
|
वह लोग ससे मिल कर रहते थे।
|
वह लोग बहते पानी की तरह शहरों में बस गए थे।
| 1 |
hi
|
पिता जी ने पत्र में अपना गुस्सा भेजा था।
|
पिता जी ने पत्र में अपना प्यार भेजा था।
|
पत्र में जैसे पिता जी ने साँप भेजे थे।
| 0 |
hi
|
पिता जी ने पत्र में अपना गुस्सा भेजा था।
|
पिता जी ने पत्र में अपना प्यार भेजा था।
|
पत्र में जैसे पिता जी ने लडू भेजे थे।
| 1 |
hi
|
मैं वो करना चाहता हूँ जो मुमकिन हो।
|
मैं वो करना चाहता हूँ जो असंभव हो।
|
मैं पक्षी सा उड़ना चाहता हूँ।
| 0 |
hi
|
मैं वो करना चाहता हूँ जो मुमकिन हो।
|
मैं वो करना चाहता हूँ जो असंभव हो।
|
मैं वृक्ष सा उड़ना चाहता हूँ।
| 1 |
hi
|
तुम हेमशा बुरी बात करते हो।
|
तुम हेमशा अच्छी बात करते हो।
|
तुहारी जीभ नहीं जैसे ज़ेहर है।
| 0 |
hi
|
तुम हेमशा बुरी बात करते हो।
|
तुम हेमशा अच्छी बात करते हो।
|
तुहारी जीभ नहीं जैसे शहद है।
| 1 |
hi
|
तुम्हारे लोग दूसरों की मदद करते हैं।
|
तुम्हारे लोग दूसरों की मदद नहीं करते हैं।
|
तुम्हारे लोगों का दिल समुन्दर सा विशाल है।
| 0 |
hi
|
तुम्हारे लोग दूसरों की मदद करते हैं।
|
तुम्हारे लोग दूसरों की मदद नहीं करते हैं।
|
तुम्हारे लोगों का दिल लोटे सा विशाल है।
| 1 |
hi
|
दुनिया में सब जगह लड़ाई चल रही है।
|
दुनिया में सब लोग प्यार से रहते हैं।
|
दुनिया में जैसे हर जगह गोलियां चल रही हैं।
| 0 |
hi
|
दुनिया में सब जगह लड़ाई चल रही है।
|
दुनिया में सब लोग प्यार से रहते हैं।
|
दुनिया में जैसे हर जगह गाने चल रही हैं।
| 1 |
hi
|
काली बहुत बुरा नाचा।
|
काली बहुत अच्छा नाचा।
|
काली ऐसे नाचा जैसे उसके अंदर भूत आ गया हो।
| 0 |
hi
|
काली बहुत बुरा नाचा।
|
काली बहुत अच्छा नाचा।
|
काली ऐसे नाचा जैसे उसके अंदर गोविंदा आ गया हो।
| 1 |
hi
|
उसके पास सब कुछ हो कर भी कुछ नहीं था।
|
उसके पास कुछ नहीं था इस लिए कुछ नहीं कर पा रही थी।
|
वो ऐसे प्यासी थी जैसे जल में मछली।
| 0 |
hi
|
उसके पास सब कुछ हो कर भी कुछ नहीं था।
|
उसके पास कुछ नहीं था इस लिए कुछ नहीं कर पा रही थी।
|
वो ऐसे प्यासी थी जैसे रेगिस्तान में मछली।
| 1 |
hi
|
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