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जयललिता
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अम्मा ने 1982 में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्ना द्रमुक) की सदस्यता ग्रहण करते हुए एम॰जी॰ रामचंद्रन के साथ अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। 1983 में उन्हें पार्टी का प्रोपेगेंडा सचिव नियुक्त किया गया। बाद में अंग्रेजी में उनकी वाक क्षमता को देखते हुए पार्टी प्रमुख रामचंद्रन ने उन्हें राज्यसभा में भिजवाया और राज्य विधानसभा के उपचुनाव में जितवाकर उन्हें विधानसभा सदस्य बनवाया। 1984 से 1989 तक वे तमिलनाडु से राज्यसभा की सदस्य रहीं। बाद में, पार्टी के कुछ नेताओं ने उनके और रामचंद्रन के बीच दरार पैदा कर दी। उस समय वे एक तमिल पत्रिका में अपने निजी जीवन के बारे में कॉलम लिखती थीं पर रामचंद्रन ने दूसरे नेताओं के कहने पर उन्हें ऐसा करने से रोका। 1984 में जब मस्तिष्क के स्ट्रोक के चलते रामचंद्रन अक्षम हो गए तब जया ने मुख्यमंत्री की गद्दी संभालनी चाही, लेकिन तब रामचंद्रन ने उन्हें पार्टी के उप नेता पद से भी हटा दिया।
| 0.5 | 4,105.409159 |
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जयललिता
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वर्ष 1987 में रामचंद्रन का निधन हो गया और इसके बाद अन्ना द्रमुक दो धड़ों में बंट गई। एक धड़े की नेता एमजीआर की विधवा जानकी रामचंद्रन थीं और दूसरे की जयललिता, लेकिन जयललिता ने खुद को रामचंद्रन की विरासत का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया।
| 0.5 | 4,105.409159 |
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जयललिता
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वर्ष 1989 में उनकी पार्टी ने राज्य विधानसभा में 27 सीटें जीतीं और वे तामिलनाडु की पहली निर्वाचित नेता प्रतिपक्ष बनीं।
| 0.5 | 4,105.409159 |
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जयललिता
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25 मार्च 1989 को, जैसा कि पार्टी और विधानसभा में मौजूद सदस्यों के एक वर्ग ने बताया, सत्तारूढ़ द्रमुक पार्टी के सदस्यों और विपक्ष के बीच सदन के भीतर भारी हिंसा के बीच, जयललिता पर सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्यों द्वारा क्रूरतापूर्वक हमला किया गया था तत्कालीन मुख्यमंत्री करुणानिधि के कहने पर । जयललिता फटी हुई साड़ी में मीडिया के सामने आईं और खुद साथ हुई वारदात की तुलना महाभारत काल की द्रौपदी के चीरहरण से की। स्थिति के चरम पर, जयललिता विधानसभा छोड़ने वाली थीं, उन्होंने "एक मुख्यमंत्री के रूप में" तक विधानसभा में प्रवेश नहीं करने की कसम खाई थी। मीडिया के कुछ वर्गों के बावजूद इसे एक नाटकीयता के रूप में कहा जाता है, इसे जनता से बहुत अधिक मीडिया कवरेज और सहानुभूति प्राप्त हुई। 1989 के आम चुनावों के दौरान, अन्नाद्रमुक ने कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन किया और उसे एक महत्वपूर्ण जीत सौंपी गई। उनके नेतृत्व में अन्नाद्रमुक ने भी मारुंगपुरी, मदुरै पूर्व और पेरनामल्लूर विधानसभा क्षेत्रों में उप-चुनाव जीते।
| 0.5 | 4,105.409159 |
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%9F%E0%A5%80%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%A3
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टीकाकरण
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टीके, एन्टिजनी (antigenic) पदार्थ होते हैं। टीके के रूप में दी जाने वाली दवा या तो रोगकारक जीवाणु या विषाणु की जीवित किन्तु क्षीण मात्रा होती है या फिर इनको मारकर या अप्रभावी करके या फिर कोई शुद्ध किया गया पदार्थ, जैसे - प्रोटीन आदि हो सकता है। सबसे पहले चेचक का टीका आजमाया गया जो कि भारत या चीन २०० इसा पूर्व हुआ।
| 0.5 | 4,104.937619 |
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टीकाकरण
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(1) टीकाकरण आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर शरीर में उत्पन्न होने वाले सूक्ष्मजीवों को नष्ट करने का काम करता है।
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टीकाकरण
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भारत मे टीकाकरण (Immunization Schedule in Hindi) यूनिवर्सल टीकाकरण कार्यक्रम (UIP) के भाग के रूप में बनाया गया है यहाँ हम ने सामान्य रूप से देश भर मे पेश किए जाने वाले टीकों की अनुसूची दी गयी है । टीकों के नाम के अलावा, यह समय, खुराक, प्रशासन का मार्ग, प्रशासन का स्थल का वर्णन करता है।
| 0.5 | 4,104.937619 |
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टीकाकरण
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Immunisation Immunisation schedule for children in the UK. Published by the UK Department of Health.
| 0.5 | 4,104.937619 |
20231101.hi_71204_5
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टीकाकरण
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CDC.gov - 'National Immunization Program: leading the way to healthy lives', US Centers for Disease Control (CDC information on vaccinations)
| 1 | 4,104.937619 |
20231101.hi_71204_6
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टीकाकरण
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NYTimes.com - 'On Autism's Cause, It's Parents vs. Research', Gardiner Harris, Anahad O'Connor, New York Times (front page; June 25, 2005)
| 0.5 | 4,104.937619 |
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%9F%E0%A5%80%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%A3
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टीकाकरण
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OpinionJournal.com - 'Autism and vaccines: Activists wage a nasty campaign to silence scientists' (unsigned editorial opinion), Wall Street Journal (February 16, 2004)
| 0.5 | 4,104.937619 |
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%9F%E0%A5%80%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%A3
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टीकाकरण
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WHO.int - 'Immunizations, vaccines and biologicals: Towards a World free of Vaccine Preventable Diseases', World Health Organization (WHO's global vaccination campaign website)
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20231101.hi_71204_9
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%9F%E0%A5%80%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%A3
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टीकाकरण
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CE-DAT: the Complex Emergency Database Vaccination coverage statistics from complex emergency settings
| 0.5 | 4,104.937619 |
20231101.hi_632822_1
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A6%E0%A4%B2-%E0%A4%AC%E0%A4%A6%E0%A4%B2
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दल-बदल
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यदि सदन में दल के निर्देश के विरुद्ध सांसद या विधायक कार्य करता है या निर्देश के विरुद्ध मतदान करना या ना करना तब भी अयोग्य घोषित कर दिया जायेगा लेकिन सामान्य विधेयक पर यह स्थिति लागू नहीं होती ।
| 0.5 | 4,103.409834 |
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A6%E0%A4%B2-%E0%A4%AC%E0%A4%A6%E0%A4%B2
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दल-बदल
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जो किसी दल से निर्वाचित हो कर आया है दल के निर्देश की अवहेलना कर दिया हो तो उसकी सदस्यता रद्द या अयोग्य कर दी जायेगी ।
| 0.5 | 4,103.409834 |
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A6%E0%A4%B2-%E0%A4%AC%E0%A4%A6%E0%A4%B2
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दल-बदल
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यदि निर्दलीय निर्वाचित सदस्य किसी दल की सदस्यता प्राप्त कर ले तो उसकी सदस्यता रद्द या अयोग्य हो जायेगी ।
| 0.5 | 4,103.409834 |
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दल-बदल
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यदि मनोनीत सदस्य छ माह के बाद किसी दल की सदस्यता प्राप्त कर ले तो उसकी सदस्यता रद्द या अयोग्य घोषित कर दी जायेगी ।
| 0.5 | 4,103.409834 |
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A6%E0%A4%B2-%E0%A4%AC%E0%A4%A6%E0%A4%B2
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दल-बदल
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(१) सरकार के अस्थायी होने का खतरा अर्थात् बार-बार चुनाव करवाना पड़ेगा जो कि यह गम्भीर समस्या बन जायेगी इसके लिए संसदीय शासन न हो कर बल्कि अध्यक्षीय शासन करना पड़ेगा ।
| 1 | 4,103.409834 |
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दल-बदल
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(३) जब निर्वाचन होता है तो हर एक दल अपना चुनावी घोषणा पत्र लाता है जिसे मेंनीफेस्टो कहते है अगर इस पर चुना जीता और वह दल को छोड़ रहा हो तो यह जनादेश का भी उल्लघंन करता है चुकी मतदाता एक विशेष व्यक्ति को मतदान नहीं देते बल्कि दल या पार्टी को मतदान देते है ।
| 0.5 | 4,103.409834 |
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दल-बदल
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(३) या किसी दल के निर्वाचित सदस्यो के 2/3 सदस्य अन्य दल में विलय हो जाए या कोई नया दल बना लें तो भी उनकी सदस्यता रद्द नहीं होगी ।
| 0.5 | 4,103.409834 |
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दल-बदल
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सदस्यता रद्द या अयोग्य घोषित करना केवल स्पीकर कर सकता है जिसमे स्पीकर निष्पक्ष कार्य करता है लेकिन इस पर भी विवाद भी हो गया क्योंकि कभी-कभी स्पीकर दल के हितों की ध्यान में रख कर अयोग्य घोषित करने में विलंब कर देती हैं।
| 0.5 | 4,103.409834 |
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दल-बदल
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(ii) जब किसी सांसद या विधायक को अयोग्यता का निर्धारण करता है तब स्पीकर केवल एक अर्द्ध न्यायिक संस्था के रूप में करता है क्योंकि स्पीकर सदन की संचालन के प्रकिया का निर्धारण भी करता है ।
| 0.5 | 4,103.409834 |
20231101.hi_56890_1
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%9C%E0%A5%80%E0%A4%AD
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जीभ
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जीभ को रक्त की आपूर्ति लिंगुअल धमनी से की जाती है, जो एक्सटर्नल कैरोटिड आर्टरी की एक शाखा होती है। मुख के तल में लिंगुअल धमनी से भी रक्त की आपूर्ति होती है। डाइजेस्ट्रिक पेशी के इंटरमीडिएट टेंडन, माय्लॉयड पेशी के पश्च किनारे एवं हाइपोग्लोसल तंत्रिका द्वारा निर्मित त्रिभुज ‘पाइरोगोव्स’, ‘पाइरोगोफ्स’ या ‘पाइरोगोव- बेल्क्लार्ड की त्रिभुज कहलाती है। अंदर के क्षेत्र लिंगुअल धमनी क्षेत्र होता है, जो जीभ से अनियंत्रित रक्तस्राव को रोकने का बेहतर स्थान होता है।
| 0.5 | 4,102.394858 |
20231101.hi_56890_2
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जीभ
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जीभ में सेकंडरी रक्त सप्लाइ भी होती है, जो फेशियल धमनी के टॉन्सिलर शाखाओं से तथा एसेंडिंग फैरेंगियल धमनी से की जाती है।
| 0.5 | 4,102.394858 |
20231101.hi_56890_3
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%9C%E0%A5%80%E0%A4%AD
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जीभ
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जीभ के अग्र 2/3 के लिए स्वाद की अनुभूति फेशियल तंत्रिका (कोर्डा टिम्पैनी CN7) द्वारा होती है। अग्र 2/3 की सामान्य अनुभूति लिंगुअल तंत्रिका द्वारा होती है, जो ट्राइगेमिनल तंत्रिका CN V के V3 की एक शाखा होती है।
| 0.5 | 4,102.394858 |
20231101.hi_56890_4
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%9C%E0%A5%80%E0%A4%AD
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जीभ
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सिवा एक एक्सट्रिंसिक पेशी- प्लैटोग्लोसस को छोड़कर, जिसमें फैरिंगियल प्लेक्सस के CN10 की तंत्रिकाएं होती हैं, जीभ की सभी अंतःस्थ तथा एक्सट्रिंसिक पेशियों में हाइपोग्लोसल तंत्रिका (CN 12), की आपूर्ति होती है।
| 0.5 | 4,102.394858 |
20231101.hi_56890_5
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जीभ
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जीभ के अग्रभाग के नीचे का सब-लिंगुअल क्षेत्र ऐसा स्थान होता है, जहां ओरल म्यूकोसा काफी पतला होता है तथा जिसपर शिराओं की जालिका बिछी होती हैं। यह शरीर के कुछ प्रकार के उपचारों का आरंभ-स्थान होता है। सब-लिंगुअल रूट को ओरल कैविटी के उच्च वस्कुलर गुण का लाभ मिलता है तथा यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल नली में न जाकर कार्डियो-वस्कुलर प्रणाली के उपचार के त्वरित कार्य की अनुमति देता है। एंजाइना पेक्टोरिस, सीने के दर्द के रोगियों में नाइट्रोग्लिसरीन देने का यह एकमात्र (I.V. ऐड्मिनिस्ट्रेशन के अलावा) आसान तथा प्रभावशाली तरीका है। यदि गोली निगली जाती है, तो उपचार को यकृत के विसंदूषण प्रक्रिया द्वारा निरस्त कर दिया जाता है।
| 1 | 4,102.394858 |
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जीभ
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कुत्ते तथा बिल्लियों जैसे स्तनपाइयों में जीभ का उपयोग प्रायः शरीर के रोओं की सफाई के लिए किया जाता है। इन प्रजातियों की जीभ की बनावट काफी खुरदरी होती है, जिससे ये जंतु तेल तथा पारासाइटों को हटा सकते हैं। चूंकि कुत्ता अपने शारीरिक कार्यों को बढ़ा सकता है, इसलिए अधिक रक्त प्रवाह के कारण उनकी जीभ भी लंबी हो जाती हैं। जीभ उसके मुंह से बाहर लटक आती हैं और जीभ की नमी रक्त प्रवाह को ठंडा करती है।
| 0.5 | 4,102.394858 |
20231101.hi_56890_7
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जीभ
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कुछ जंतुओं की जीभ शिकार को पकड़ने के लिए विशेष रूप से अनुकूलित होती हैं। उदाहरण के लिए, छिपकली, मेंढक तथा एंटईटर में परिग्राही (prehensile) जीभ होती हैं।
| 0.5 | 4,102.394858 |
20231101.hi_56890_8
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जीभ
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मछलियों की कई प्रजातियों में उनके मुख के अधार पर छोटे फोल्ड होते हैं, जो शायद औपचारिक रूप से जीभ माने जाते हैं, पर अधिकतर टेट्रापोडों में पाई जाने वाली वास्तविक जीभों की तरह उनमें पेशीय जीभ अनुपस्थित होती हैं।
| 0.5 | 4,102.394858 |
20231101.hi_56890_9
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%9C%E0%A5%80%E0%A4%AD
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जीभ
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अन्य जंतुओं में ऐसे अंग होते हैं, जो जीभ के समान कार्य करते हैं, जैसे- तितलियों की बारीक सूंड़ या घोंघे पर निकला रैडुला, पर ये कशेरुकियों में पाई जाने वाली जीभ से जुड़े नहीं होते.
| 0.5 | 4,102.394858 |
20231101.hi_193353_15
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A5%80%E0%A4%A8
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समकालीन
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चीन के विश्व व्यापार संगठन में शामिल होने के बाद देश के रहन-सहन में काफी सुधार हुआ है क्योंकि चीन में मध्यम वर्ग फिर से प्रकट हो गए हैं। पश्चिम के भीतरी देशों और पूर्व में धन असमानता दिन पर दिन और बढ़ी है, "पश्चिम को विकसित करो" जैसे सरकारी कार्यक्रम को उत्साह देते हुए, "संघाई-तिबिब्बत रेलवे" जैसी परियोजना को हाथ में लेते हुए. शिक्षा का बोझ पहले से कहीं ज्यादा बढ़ा है। ज्हू के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान, जिसने बहुत सारे आधिकारियों को सजा दी, के बावजूद सामाजिक बिमारी के रूप में भ्रष्ट्राचार जारी है।
| 0.5 | 4,101.908625 |
20231101.hi_193353_16
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A5%80%E0%A4%A8
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समकालीन
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2009 के शुरूआत तक भारत के लगभग 300 मिलियन लोग, जो पूरे संयुक्त राज्य की संपूर्ण जनसंख्या के बराबर है, गरीबी के चरम से निजात पा गए। आर्थिक उदारीकरण की नीतियों का फल भारत में 2007 में अपने शिखर तक पहुंच गया, जब भारत का दर सकल घरेलू उत्पाद विकास दर का 9% की ऊंचाई प्राप्त कर गया। इस के साथ भारत विश्व की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में चीन के बाद दूसरे नंबर पर पहुंच गया। रिपोर्ट में कहा गया) एक आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कि 7.5 का औसत विकास दर दशक में औसत आय को दोगुना कर देगा और सुधार को और आधिक गति मिलेगी.
| 0.5 | 4,101.908625 |
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A5%80%E0%A4%A8
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समकालीन
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आने वाली ग्यारह अर्थव्यवस्थाओं में एशिया के देशों की बहुतायता है। चीन, भारत, मलेशिया, थाईलैंड और फिलीपींस के साथ ही नए उभरे औद्योगीकृत देशों में भारी संख्या एशिआई देशों की है।
| 0.5 | 4,101.908625 |
20231101.hi_193353_18
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A5%80%E0%A4%A8
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समकालीन
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यूरोप में, यूरोपीय संघ एक जियो-पोलेटिकल है जिसकी स्थापना विभिन्न संधियों के आधार पर हुई है, तथा अपने विस्तार में इसने यूरोप के बहुसंख्यक देसो को शामिल किया। इसके जन्म की तारीख द्वितीय विश्वयुद्द काल से भी पहले की है। सही में पेरिस में 1951 में युरोपियन कोल एलं स्टील समुदाय की स्थापना हुई, इसके बाद "स्चूमैन घोषणा", या रोम की संधि करते हुए युरोपियन आर्थिक समुदाय तथा युरोपियन परमाणु ऊर्जा समुदाय की स्थापना हुई. ये दोनों निकाय अब युरोपिय संघ के अंग हैं जिसकी स्थापना इसी नाम से 1993 में हुई.
| 0.5 | 4,101.908625 |
20231101.hi_193353_19
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A5%80%E0%A4%A8
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समकालीन
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पोस्ट कम्युनिस्ट अवधि में, रूसी संघ एक स्वतंत्र देश बन गया। पन्द्रह गणराज्यों में, जिनसे मिलकर सोवियत संध की स्थापना हुई थी, रूस 60% जीडीपी के लिए जिम्मेदार तथा सोवियत संघ की पूरी जनसंख्या का आधा होने के साथ सबसे बड़ा था। कम्युनिस्ट पार्टी तथा सोवियत सेना पर भी रूसियों का प्रभुत्व था। रूस को सोवियत संघ के कूटनीतिक मामलों में उततराधिकारी राज्य के रूप में व्यापक रूप में स्वीकृति हासिल थी तथा इसने यूएसएसआर की स्थायी सदस्यता तथा यूएन सुरक्षा परिषद में वीटो प्राप्त किया था; देखिए रूस एवं संयुक्त राष्ट्र . रूस में राजनौतिक संस्कृति एवं सामाजिक संरचना की बहुत सारी चीजें अपनी जारसाही और सोवियत अतीत के साथ आज भी जारी है।
| 1 | 4,101.908625 |
20231101.hi_193353_20
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A5%80%E0%A4%A8
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समकालीन
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पश्चिमी दुनिया तथा मध्य पूर्व के लिए 2000 के दशक में महत्वपूर्ण राजनौतिक विकास हालिया आधुनिक आतंकवाद, आतंकवाद पर युद्ध, अफगानिस्तान युद्ध तथा इराक युद्ध के आस-पास ही धूमता रहा.
| 0.5 | 4,101.908625 |
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समकालीन
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सितंबर 11 का हमला अल-कायदा के द्वारा संघबद्ध आत्मघाती हमलों की ही एक कड़ी थी जो संयुक्त राज्य पर 11 सितंबर 2001 को किया गया। उस दिन सबेरे, 19 अल कायदा आतंकवादियों ने चार वाणिज्यिक यात्री जेट एअरलाइनर्स का अपहरण कर लिया। अपहर्ताओं ने जानबूझकर उनमें से दो विमानों को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, न्यूयॉर्क शहर के ट्वीन टावर्स के साथ टकरा दिया, जिसमें बोर्ड के सभी लोग तथा मकान के अंदर आन्य काम करने वालों में भी कई मारे गए। दोनों भवन दो घंटे के भीतर ढह गए, पास की इमारतों को नुकसान पहुंच और दूसरे भवन भी नष्ट हो गए। अपहर्ताओं ने तीसरे विमान को वांशिगटन, डी.सी. के ठीक बाहर एर्लिंगटन, वर्जिनिया के पैंटागन से टकरा दिया. चौथा विमान कुछ यात्रियों एवं पलाईट क्र्यु के द्वारा उसपर अधिकार करने की कोशिश के बाद समरेस्ट काउटि, पैंसिलवेनिया में शांक्सविले के पास मैदान में गिर गया। उस विमान को अपहर्ताओं ने वीसिंगटन डी.सी. की ओर दुबारा मोड़ दिया था। 11 सितंबर के हमले के बाद प्रमुख आतंकवादी घटनाओं मास्को रंगमंच घेराबंदी, 2003 इस्तांबुल बम विस्फोट, मैड्रिड ट्रेन बम विस्फोट, बेसलान स्कूल में बंधक संकट, 2005 का लंदन बम विस्फोट, 2005 का नई दिल्ली बम विस्फोट और 2008 का मुंबई होटल घेरेबंदी शामिल है।
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समकालीन
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संयुक्त राज्य अमेरिका ने 11 सितंबर के हमले का उत्तर "आतंकवाद पर ग्लोबल युद्ध" को जारी करते हुए तथा पौट्रियाटिक कानून बनाते हुए अफगानिस्तान से तालिबान, जिसने अलकायदा को शरण दिया था, को हटाने के लिए हमला किया दिया. कई अन्य देशों ने भी अपने आतंकवाद विरोधी कानून को मजबूत बनाया और कानून प्रवर्तन की शक्तियों का विस्तार किया। 2001 के हमलों के बाद से "आतंकवाद पर ग्लोबल युद्ध" इस्लामी सैन्य एवं इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ सैन्य, राजनीतिक, कानूनी और वैचारिक संघर्ष रहा है।
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समकालीन
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अफगानिस्तान में युद्ध 2001 के बाद के वर्षों में यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और नाटो के नेतृत्व वाली तथा संयुक्त राष्ट्र द्वारा अधीकृत आईएसएएफ (ISAF) के द्वारा 11 सितंबर के हमलों की प्रतिक्रिया स्वरूप शुरू हुआ। आक्रमण के उद्देश्यों में ओसामा बिन लादेन और अपहरण करने वाले ऊंचे स्तर के और अल-कायदा सदस्यों को खोजना और उनसे पूछताछ करना, अलकायदा के पूरे संगठन को नष्ट करना, तालिबान, जिसने अलकायदा को समर्थन दिया था और उन्हे सुरक्षित आश्रय दिया था, उसके हुकूमत का खात्मा करना शामिल था। बुश प्रशासन की नीति और बुश के सिद्धांत में यह कहा गया था कि सेना आतंकवादी संगठनों और उन्हें शरण देने वाले देश या सरकार में कोई अंतर नही करेगी. अफगानिस्तान में दो सैन्य अभियान उस देश पर नियंत्रण के लिए लड़ रहे हैं। ऑपरेशन स्थायी स्वतंत्रता (OEF) संयुक्त राज्य का एक युद्ध अभियान है जिसमें उसके सहयोगी भी शामिल हैं तथा अभी इसके तहत प्रारंभिक रूप में उक्त देश के पूर्वी एवं दक्षिणी भाग के साथ ही पाकिस्तान की सीमा पर अभियान जारी है। दूसरा ऑपरेशन अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा सहायता बल (ISAF) है जिसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के द्वारा 2001 के अंत में काबुल एवं आस-पास के क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए किया गया। नाटो ने ISAF पर 2003 में नियंत्रण ग्रहण कर लिया।
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मंगोलिया
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कुब्लेखान ने चीन की विष्वविख्यात महाभित्ती के पश्चिमीद्वार पर उष्णीश विजयाधारणी नामक संस्कृत मंत्र लिखवायाः-
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मंगोलिया
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मंगोल देश के विहारों में स्थान-स्थान पर संस्कृत मंत्र लिखे रहते हैं। वे संस्कृत लिखने के लिये लांछा लिपि का प्रयोग करते हैं। भारत में बंगाल के पाल वंश में संस्कृत मंत्र लिखने के लिए जो सुन्दर अक्षर प्रयोग किये जिन्हें रंजना लिपि कहा जाता था, उसी रंजना लिपि को लांछा के रूप में मंगोलिया में प्रयोग किया जाता है। संस्कृत अक्षर सिखाने के लिये जो पुस्तक है उसे आलि, कालि, बीजहारम् कहते हैं। आलि अर्थात् अ, क इत्यादि स्वर व्यंजन। क्यांकि संस्कृत के अक्षर बीजमंत्र के रूप में भी प्रयोग में लाये जाते हैं।इस कारण अक्षर माला को बीजहारम् की संज्ञा दी गई।
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मंगोलिया
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साइबेरिया के अनेक बौद्ध विहारों और मन्दिरों में हमारा दल दर्शनार्थ गया। मंगोलिया के प्रत्येक विहार में एक पुस्तकालय होता है जहां बौद्ध साहित्य रखा हुआ है। यह ग्रन्थ तिब्बती भाषा ओर मंगोल भाषा में है। कुछ संस्कृत ग्रंथ भी हैं। प्रायः सभी ग्रन्थों का आरम्भ देवता के नमस्कार अथवा गुरु के लिये प्रमाण से होता है। जैसे ॐ नमो मुजजुघोषाय अथवा, ॐ गुरवे नमः इत्यादि। संस्कृत ग्रन्थों के लिये मंगोल लोगों का पूजा भाव देखकर सुखद आश्चर्य हुआ।
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मंगोलिया
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विहारों के द्वार पर संस्कृत मंत्र ही लिखे होते हैं। जैसे ‘‘ओं नमों भगवत्यै आर्य तरायै।’’ स्थान-स्थान पर स्वास्तिका के चिन्ह शोभायमान हैं और भी भारतीय धार्मिक चिन्ह विद्यमान हैं जैसे अष्ट मंगल, शंख, कलश या श्रीवत्स आदि।
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मंगोलिया
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मंगोलिया में सैंकडों छोटे-बड़े विहार हैं। प्रत्येक विहार में अनेक लामा निवास करते हैं तथा अध्ययन-अध्यापन व धर्मप्रचार का कार्य करते हैं। गांडुड़, प्रमुख विहारों में से एक है। यह आज भी दर्शकों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। गांडुड़ का अर्थ है तुषित विहार। विहार के द्वार पर विहार का संस्कृत नाम ‘‘तुषितः महायानद्वीपः’’ मोटे अक्षरों में लिखा गया है। यह चारों ओर से शंख, चक्र व आदि चित्रों से अलंकृत है। प्रवेश-द्वार पर दो सिंह बने हैं जो विहार के रक्षक के रूप में सुशोभित हैं। प्रांगण में प्रवेश करते ही मुख्यद्वार पर धर्मचक्र और दोनों ओर दो शान्तमुख मृग बने हैं। ऐसा ही मृगदाव का चित्र भारत में सारनाथ में दृष्टिगोचर होता है। चारों ओर की भित्तियों पर अनेक सुन्दर चित्र हैं। भगवान बुद्ध की अनेक भावमुद्राओं तथा आचार्यों के चित्र। छतों की अत्यन्त सुन्दर चित्रकारी आपको आश्चर्यचकित कर देगी।
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मंगोलिया
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प्रांगण में कई भवन हैं। प्रथम कोष्ठ पूजाभवन है।यहां अनेक लामा पूजा में तन्मय दीख पड़ते हैं। मूर्तियों पर सुन्दर वस्त्र चढ़ाने की परम्परा है। प्राचीन काल में ये वस्त्र काशी से बनकर आते थे, अतः इन्हें काशिका कहा जाता है। भारत के कुछ क्षेत्रों में आज भी इस प्रकार का डेढ़ या दो गज कपड़ा सम्मानस्वरुप देने की प्रथा है। किन्तु ये सूती होते हैं तथा उन पर भारतीय मांगलिक चिन्ह बने होते हैं जैसे श्रीवत्स, स्वास्तिक आदि।
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मंगोलिया
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विहार का दूसरा भवन ‘‘वज्रधर भवन’’ कहलाता है। यहां वज्रधर की धातु की बनी अत्यन्त सुन्दर मूर्ति प्रतिष्ठित है। इसके निर्माता ज्ञानवज्र है। एक अन्य अवलोकितेश्वर की नेपाल में बनी मूर्ति तिब्बत के प्रथम बौद्ध राजा स्त्रोन् चड्गपों के समय की है। इनमें भगवान बुद्ध के प्रवचनों का संकलन तथा 108 भागों में कज्जूर सजा है। एक और भारतीय आचार्य अश्मागुलि का सत्रहवीं शताब्दी का दण्ड पड़ा है। भवन के बाहर लाच्छा लिपि में संस्कृत लिखी हैः-
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मंगोलिया
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मंगोल देश में हिन्दू संस्कृति का प्रसार इतना अधिक और व्यापक रहा है कि मंगोल जाति के जन-जन के मन में भारतीय महापुरूषों कर आदर, भारत के विपुल संस्कृत साहित्य के प्रति प्रेम, भारतीय शास्त्रों के प्रति श्रद्धा और भारत की भूमि के प्रति पूजाभाव विद्यमान है।
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मंगोलिया
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लद्दाख के १९वें कुशक बकुला रिनपोछे कई वर्षों तक मंगोलिया में भारत के राजदूत थे। श्री कुशक बकुला को भगवान बुद्ध के 16 अर्हतों में से एक का अवतार माना जाता है। इस कारण बौद्ध मंगोल जनता के लिये वे पूज्य और श्रद्धेय हैं। रूसी आधिपत्य में मंगोल भाषा के लिये रूसी लिपि का चलन हो गया था, किन्तु अब पुनः वहां की राष्ट्रीय मंगोल लिपि का प्रयोग बढ़ाया जा रहा है।
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समीकरण
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यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि आधुनिक गणित में समीकरण सर्वाधिक महत्वपूर्ण विषय है। आधुनिक विज्ञान एवं तकनीकी में विभिन्न घटनाओं (फेनामेना) एवं प्रक्रियाओं का गणितीय मॉडल बनाने में समीकरण ही आधारका काम करने हैं।
| 0.5 | 4,090.653067 |
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समीकरण
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समीकरण प्राय: दो या दो से अधिक व्यंजकों (expressions) की समानता को दर्शाने के लिये प्रयुक्त होते हैं। किसी समीकरण में एक या एक से अधिक चर राशि (यां) (variables) होती हैं।
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समीकरण
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चर राशि के जिस मान के लिये समीकरण के दोनो पक्ष बराबर हो जाते हैं, वह/वे मान समीकरण का हल या समीकरण का मूल (roots of the equation) कहलाता/कहलाते है।
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A5%80%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%A3
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समीकरण
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ऐसा समीकरण जो चर राशि के सभी मानों के लिये संतुष्ट होता है, उसे सर्वसमिका (identity) कहते हैं। जैसे -
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समीकरण
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सामान्यतः दोनों पक्षों का कोई फलन निकालने पर भी समीकरण सत्य बना रहता है। किन्तु इस बात का ध्यान रखना चाहिये कि कोई वाह्य हल (extraneous solutions) न आ जाय।
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समीकरण
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समीकरण के एक पक्ष में स्थित कोई चर, अचर, व्यंजक आदि को दूसरे पक्ष में ले जाने को पक्षान्तर कहा जाता है। समीकरण हल करने में पक्षान्तर का बहुत महत्व है। पक्षान्तर करने का सिद्धान्त उपर वर्णित समीकरण के गुणों पर ही आधारित है।
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A5%80%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%A3
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समीकरण
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किसी समीकरण में निहित चर राशियों की प्रकृति के आधार पर समीकरण का वर्गीकरण इस प्रकार किया जा सकता है:
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A5%80%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%A3
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समीकरण
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विज्ञान और तकनीकी में डिजाइन या विश्लेषण करते समय प्रायः समीकरण प्राप्त होते हैं। इनका हल अनेक उपयोगी जानकारी देता है। इसके अलावा आधुनिक विज्ञान एवं तकनीकी में विभिन्न घटनाओं (फेनामेना) एवं प्रक्रियाओं का गणितीय मॉडल बनाने में समीकरण ही आधार का काम करने हैं।
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A5%80%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%A3
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समीकरण
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Mathematical equation plotter: Plots 2D mathematical equations, computes integrals, and finds solutions online.
| 0.5 | 4,090.653067 |
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%86%E0%A4%A7%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%A4%E0%A4%BE
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आध्यात्मिकता
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दिर्क्क्स, जेएम ""मच्योरिंग सोल इन एडल्ट लर्निंग " ट्रांसफौर्मेटिव लर्निंग इन एक्शन न्यू डाइरेक्शन फॉर एडल्ट एंड कोंटीनुइंग एजुकेशन no. 74, p. करंटन द्वारा सम्पादित, pp 79–88.. सैन फ्रांसिस्को: जोस्से-बास, 1997.
| 0.5 | 4,089.278652 |
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आध्यात्मिकता
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एल्किन डी. एन. एट अल. (1998) टुवर्ड ए ह्युमनिस्टिक-फेनोमेनोलोजिकल स्पिरिचुएलिटी: डेफिनिशन, डिस्क्रिप्शन एंड मेज़रमेंट. जर्नल ऑफ़ ह्युमनिस्टिक साइकोलोजी 28 (4), 5-18
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आध्यात्मिकता
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इंग्लिश, एल और गिलेन, एम, एड्स. अड्रेसिंग द स्पिरिचुअल डाइमेंशन ऑफ़ एडल्ट लर्निंग न्यू डाइरेक्शन फॉर एडल्ट एंड कोंटीनुइंग एजुकेशन no, 85. सैन फ्रांसिस्को: जोसे-बास, 2000.
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आध्यात्मिकता
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हैश, बर्नार्ड द गॉड थ्योरी: युनिवर्सेस, जीरो-पॉइंट फील्ड्स, एंड व्हाट बिहाइंड इट ऑल (Preface), रेड व्हील/वेसर, 2006, ISBN 1-57863-374-5
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आध्यात्मिकता
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हेन, डेविड. "क्रिस्चियनिटी एंड ट्रेडिशनल लकोटा / डकोटा स्पिरिचुएलिटी: ए जेम्सियन इंटरप्रिटेशन." मैकनीज़ समीक्षा 35 (1997): 128-38.
| 1 | 4,089.278652 |
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हेन, डेविड, एड. रीडिंग्स इन एंग्लिकन स्पिरिचुएलिटी सिनसिनाटी: फोरवर्ड मूवमेंट, 1991. ISBN 0-486-26719-9.
| 0.5 | 4,089.278652 |
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हेन, डेविड और एडवर्ड ह्यूग हेंडरसन, संपादक. कैप्चर्ड बाई द क्रूसीफाइड: द प्रेक्टिकल थिओलोजी ऑफ़ ऑस्टिन फारर न्यूयॉर्क और लंदन: कोंटीनुअम / टी एंड टी क्लार्क, 2004. ऑस्टिन फारर के आध्यात्मिक धर्मशास्त्र के बारे में, एलन डायोजनीज का अध्याय "फारर्स स्पिरिचुएलिटी" शामिल है।
| 0.5 | 4,089.278652 |
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आध्यात्मिकता
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हेन, डेविड और चार्ल्स आर हेनरी, संपादक. स्पिरिचुअल कौंसिल इन द एंग्लिकन ट्रेडिशन यूजीन, या: विप्फ़ एंड स्टॉक, 2010.
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आध्यात्मिकता
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होल्त्जे, डी. (1995.) फ्रॉम लाईट टु साउंड: द स्पिरिचुअल प्रोग्रेसन टेमेकुला, CA: मास्टरपाथ, इंक ISBN 1-885949-00-6
| 0.5 | 4,089.278652 |
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AA%E0%A5%8B%E0%A4%9F%E0%A5%88%E0%A4%B6%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%AE
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पोटैशियम
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पोटैशियम वायु में शीघ्र मलिन हो जाता है और गर्म करने पर पिद्यलकर जलता है। जल में डालने पर विस्फोट के साथ क्रिया करके बैंगनी ज्वाला के साथ जलता है। इस प्रक्रिया में हाइड्रोजन मुक्त होता है, जो उच्च ताप के कारण वायु के संपर्क में जलने लगता है। पोटैशियम के वाष्प के कारण ज्वाला रंग बैंगनी हो जाता है। पोटैशियम को तेल अथवा निष्क्रिय वातावरण में सुरक्षित रखते हैं।
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पोटैशियम
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सोडियम की भाँति पोटैशियम भी द्रव ऐमोनिया में घुलकर नीला विलयन देता है और पोटैशमाइड (potassamide, KNH2) बनता है। २००० सें. से ४००० सें. ताप पर पोटैशियम हाइड्रोजन को अपने अंदर अधिधारित कर लेता है। ऐसा अनुमान है कि इस दशा में एक यौगिक (ख़्क्त) बनता है।
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पोटैशियम
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पोटैशियम एकसंयोजी यौगिक बनाता है। पोटैशियम परमाणु में चौथे कक्ष में केवल एक इलेक्ट्रान होता है। यदि यह इलेक्ट्रान परमाणु से निकल जाय, तो उसकी इलेक्ट्रान रचना आग्रन गैस के समान रह जायगी, जो स्थिर होती है। इस कारण प्रत्येक क्रिया में पोटैशियम की इस इलेक्ट्रॉन को प्रदान करने की प्रवृत्ति रहती है।
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पोटैशियम
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पोटैशियम के निश्चित रूप से तीन ऑक्साइड, पोटैशियम ऑक्साइड (K2O), पोटैशियम डाइऑक्साइड (KO2) और पोटैशियम परऑक्साइड (K2O2), ज्ञात हैं। यदि पौटैशियम नाइट्राइड को पोटैशियम धातु के साथ वायु की अनुपस्थिति में गर्म किया जाय, तो पोटैशियम ऑक्साइड प्राप्त होगा, जो मटमैला भंगुर पदार्थ है। यह बड़ा सक्रिय ऑक्साइड है और तीव्र गति से जल से अभिक्रिया कर पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड बनाता है।
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पोटैशियम
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यदि पोटैशियम को अधिक ऑक्सीजन के वातावरण में जलाया जाय, तो नारंगी रंग का ठोस पोटैशियम डाऑक्साइड बनता है। यह अत्यंत सक्रिय यौगिक है और जल से क्रिया कर ऑक्सीजन तथा हाइड्रोजन परऑक्साइड दोनों मुक्त करता है। यह अनेक तत्वों का ऑक्सीकरण तीव्र गति से करता है।
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पोटैशियम
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यदि पोटैशियम को ऑक्सीजन की परिगणित मात्रा में गर्म किया जाय, तो पोटैशियम परऑक्साइड प्राप्त होगा, जो श्वेत रंग का ठोस पदार्थ है। यह जल से प्रक्रिया कर केवल हाइड्रोजन पर ऑक्साइड मुक्त करता है।
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पोटैशियम
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यह पोटैशियम क्लोराइड विलयन के वैद्युत् विघटन से बनता है। इदस क्रिया को केसनर-कैलनर विधि कहते हैं। यह श्वेत, अपारदर्शी, ठोस पदार्थ है और गरम करने पर शीघ्र ही गल जाता है। यह अत्यंत जलप्रिय तथा अत्यंत जल विलेय है। अम्लों से क्रिया कर यह विलेय लवण बनाता है।
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पोटैशियम
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फ्लोरीन, क्लोरीन, ब्रोमीन तथा आयोडीन के साथ पोटैशियम के यौगिक ज्ञात हैं। कॉस्टिक पोटाश पर हाइड्रोफ्लोरिक अम्ल (HF) की क्रिया से पोटैशियम फ्लोराइड, एक सामान्य फ्लोराइड (KF), दूसरा अम्लीय फ्लोराइड (KHF2) बनते हैं। पोटैशियम फ्लोराइड नमकीन स्वादवाला आर्द्रताग्राही ठोस पदार्थ है।
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पोटैशियम
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पोटैशियम क्लोराइड जर्मनी के स्ट्रैसफुर्ट प्रदेश में बहुत मात्रा में उपलब्ध है। मैग्नीशियम और कैल्सियम यौगिकों के साथ मिश्रित अवस्था में यह प्राय: मिलता है। यदि इसके विलयन में हाइड्रोजन क्लोराइड गैस प्रवाहित की जाय, तो शुद्ध पोटैशियम क्लोराइड का अवक्षेप प्राप्त होगा और अन्य यौगिक विलयित अवस्था में रहेंगे। पोटैशियम क्लोराइड उर्वरक तथा अन्य पोटैशियम लवणों के बनाने के उद्योग में बड़ी मात्रा में काम आता है।
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मृच्छकटिकम्
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दूसरा अंक (द्यूतकार-संवाहक) : संवाहक, जो पहले चारुदत्त की सेवा में था, जुए की लत लगने पर बहुत सा धन हार जाता है। बचाव के लिए वह वसन्तसेना के घर शारण लेता है, जो अपना कंगन देकर उसे ऋणमुक्त करती है। वह बौद्ध-भिक्षु बन जाता है।
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मृच्छकटिकम्
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तीसरा अंक (संधिच्छेद) : शार्विलक नाम का ब्राह्मण वसन्तसेना की दासी मदनिका से प्रेम करता है। उसे दासत्व से छुड़ाने के लिए वह एक रात चारुदत्त के घर में सेंध लगाकर वसन्तसेना द्वारा धरोहर रखे गए सोने के सारे आभूषण चुरा लेता है। उधर चारुदत्त की पतिव्रता पत्नी धूता अपने पति को लोकनिन्दा से बचाने के लिए, चुराए गए आभूषाणों के बदले में अपनी कीमती रत्नावली देती है, चारुदत्त वह रत्नावली देकर विदूषक मैत्रेय को वसन्तसेना के घर भेजता है।
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मृच्छकटिकम्
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चौथा अंक (मदनिका-शर्विलक) : शार्विलक चुराए हुए आभूषाण लेकर मदनिका को दासत्व से मुक्त कराने के लिए वसन्तसेना के घर पहुँचता है। चोरी की बात सुनकर मदनिका बहुत दुखी होती है। इस गलती को सुधारने की भावना से वह शार्विलक को यह समझाती है कि चोरी के आभूषाण वसन्तसेना को सौंप देने से न वह चोर रहेगा, न चारुदत्त के सिर पर ऋण रहेगा और वसन्तसेना के आभूषण उसे वापस मिल जाएँगे, शार्विलक ऐसा ही करता है। वह वसन्तसेना से कहता है कि चारुदत्त ने यह संदेश भेजा है कि घर जर्जर होने से हम स्वर्णपात्र को सुरक्षित नहीं रख सकते, अतः आप इसे अपने पास रखें। वसन्तसेना संदेश के बदले में कुछ ले जाने की बात कहकर मदनिका को शार्विलक को सौंप देती है। इसी अंक में विदूषक वसन्तसेना से मिलकर कहता है कि स्वर्णपात्र जुए में हार गए हैं इसलिए यह रत्नावली स्वीकार करें। वसन्तसेना वास्तविकता जानती है, पर कुछ नहीं करती। वह शाम को चारुदत्त के घर आने का निश्चय करती है।
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मृच्छकटिकम्
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पाँचवाँ अंक (दुर्दिन) : इस अंक में वर्षा-ऋतु वर्णन हुआ है। वसन्तसेना चारुदत्त से मिलती है और वर्षा की झड़ी के कारण रात उसी के घर रुक जाती है।
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मृच्छकटिकम्
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छठा अंक (प्रवहणविपर्यय) : सुबह चारुदत्त पुष्पकरण्डक उद्यान में घूमने जाता है, वसन्तसेना के लिए गाड़ी तैयार रखने का आदेष देकर ताकि वह उसमें उद्यान तक यात्रा कर सके। यहीं वसन्तसेना चारुदत्त के पुत्र रोहसेन को यह जिद करते देखती है कि वह मिट्टी की गाड़ी से नहीं स्वर्ण-शकटिका (सोने की गाड़ी) से खेलना चाहता है। वसन्तसेना सारे आभूषाण मिट्टी की गाड़ी में रखकर कहती है कि इससे सोने की गाड़ी बना लेना। वसन्तसेना चारुदत्त से उद्यान में भेंट करने निकलती है, पर भूल से उसी स्थान पर खड़ी शाकार की गाड़ी में बैठ जाती है। उधर कारागार तोड़कर, रक्षक को मारकर निकल भागा ग्वाले का बेटा आर्यक, बचाव के लिए चारुदत्त के वाहन में चढ़ जाता है। रास्ते में दो पुलिस के सिपाही- वीरक और चन्दनक वाहन देखते भी हैं, पर उनमें से एक आर्यक को रक्षा करने का वचन देकर जाने देता है।
| 1 | 4,071.46776 |
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मृच्छकटिकम्
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सातवाँ अंक (आर्यकापहरण) : राजा पालक ने सिद्धों की भविषयवाणी पर विश्वास करके जिस आर्यक नामक व्यक्ति को बन्दी बना लिया था, जब वह बंधन तोड़कर बचता हुआ चारुदत्त की गाड़ी में चढ़कर उद्यान में चारुदत्त के समक्ष आता है और उनसे शारण माँगता है। चारुदत्त उसे सुरक्षित अपनी गाड़ी में बाहर निकलवा देता है।
| 0.5 | 4,071.46776 |
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मृच्छकटिकम्
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आठवाँ अंक (वसन्तसेना-मोटन) : भूल से शाकार की गाड़ी में बैठी वसन्तसेना जब उद्यान में पहुँचती है तो चारुदत्त के स्थान पर दुष्ट शाकार से उसका सामना होता है। वसन्तसेना एक बार फिर शाकार के चंगुल में फँस जाती है, शाकार का आग्रह न मानने पर वह वसन्तसेना का गला घोंट देता है और उसे मरा जानकर पत्तों से ढक कर चला जाता है। तभी जुआरी से बौद्ध-भिक्षु बन चुका संवाहक मृतप्राय वसन्तसेना को विहार में लाकर पुनर्जीवन देता है।
| 0.5 | 4,071.46776 |
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मृच्छकटिकम्
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नवाँ अंक (व्यवहार) : शाकार चारुदत्त को वसन्तसेना की हत्या का आरोपी बनाता है। न्यायालय में विवाद चलता है, चारुदत्त स्वयं को निर्दोष साबित नहीं कर पाता। दुखी चारुदत्त अपने मित्र मैत्रेय की प्रतीक्षा करता है, जो वसन्तसेना के पास उन आभूषणों को लौटाने गया था जो वसन्तसेना ने रोहसेन की मिट्टी की गाड़ी के स्थान पर सोने की गाड़ी बना लेने को दे दिए थे। इसी क्षण वही आभूषण लेकर मैत्रेय आ जाता है। किन्तु बातचीत करते हुए मैत्रेय से बगल में संभाले हुए वे आभूषाण सबके सामने गिर पड़ते हैं और यह मान लिया जाता है कि आभूषणों के लोभ में चारुदत्त ने ही वसन्तसेना की हत्या की है। उसे मृत्युदण्ड का आदेश देकर वधस्थल की ओर ले जाया जाता है।
| 0.5 | 4,071.46776 |
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मृच्छकटिकम्
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दसवाँ अंक (संहार) : इस अंक में एक तो शाकार का सेवक स्थवरक चारुदत्त को निर्दोष बताता है, पर उसका कोई विश्वास नहीं करता। दूसरे ठीक इसी समय प्राण बचाने वाले बौद्ध-भिक्षु बने संवाहक के साथ आकर वसन्तसेना शाकार की दुष्टता व्यक्त कर देती है और चारुदत्त झूठे आरोप से मुक्त हो जाता है। इधर राज्य में नए राजा आर्यक का आगमन होता है, वह न केवल आरोप मुक्त चारुदत्त को राज्य देता है, बल्कि झूठा आरोप लगाने के कारण शाकार को मृत्यु-दण्ड भी देता है। किन्तु चारुदत्त के कहने पर शाकार को भी क्षमा कर दिया जाता है। पतिव्रता धूता चारुदत्त के लिए मृत्यु-दण्ड का समाचार सुनकर अग्नि-प्रवेष को तत्पर हो उठती है, चारुदत्त उपस्थित होकर इस दुखद घटना को रोकता है। राजा आर्यक प्रसन्न होकर वसन्तसेना को ‘वधू’ के पद से विभूषित करता है। भिक्षु संवाहक को सब विहारों का कुलपति बना दिया जाता है। दास स्थवरक को दासता से मुक्त किया जाता है, मृत्युदण्ड देने वाले
| 0.5 | 4,071.46776 |
20231101.hi_163394_4
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A5%82%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%95
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सूजाक
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माना जाता है कि सूजाक ने 1999 में पूरी दुनिया में 12 मिलियन लोगों को प्रभावित किया, जिसमें से 90% से अधिक मामले विकासशील दुनिया के हैं। 1940 में पेनिसिलीन की विस्तृत उपलब्धता के कारण नाटकीय रूप से कम होने के बाद, शताब्दी की शुरुआत के साथ बहुत सारे देशों में संक्रमण की दर बढ़ गयी है, अक्सर ह्यूमन इम्युनोडिफिशियेन्सी वायरस (HIV) के साथ यह दिख रहा है। यह आदमियों के साथ यौन संबंध रखने वाले आदमियों के बीच असुरक्षित यौन संबंधों के कारण, बढ़ी हुई अस्वच्छंदता, वैश्यावृत्ति और सुरक्षा साधनों के उपयोग की कमी के कारण भी आंशिक रूप से बढ़ा है।
| 0.5 | 4,062.527985 |
20231101.hi_163394_5
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A5%82%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%95
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सूजाक
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सिफलिस निम्न चार विभिन्न चरणों में से किसी एक चरण में हो सकता है: प्राथमिक, द्वितीयक, अव्यक्त व तृतीयक और जन्मजात रूप से भी हो सकता है। इसकी निरंतर असमान्य प्रस्तुतिकरण के कारण सर विलियम ऑस्लर ने इसे "महान नकलची" भी कहा था।
| 0.5 | 4,062.527985 |
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A5%82%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%95
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सूजाक
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किसी और व्यक्ति के संक्रामक घावों के साथ सीधे यौन संपर्क के कारण आम तौर पर प्राथमिक सिफलिस होता है। आरंभिक संक्रमण के लगभग 3 से 90 दिनों (औसत 21 दिन) के बाद एक त्वचीय घाव, जिसे व्रण कहते हैं संपर्क बिंदु पर दिखता है। यह आमतौर पर (10 में से 4 बार) एकल, सुदृढ़, दर्द रहित, खुजली/जलन रहित त्वचीय अल्सर होता है जिसका आधार स्पष्ट और किनारे तीखे होते हैं और जिसका आकार 0.3 और 3.0 सेमी का होता है। व्रण हलांकि कोई भी रूप ले सकता है। आम तौर पर यह मैक्यूल (त्वचा पर एक बेरंगा चकत्ता जो त्वचा से ऊपर नहीं उठा होता है) से पैप्यूल (त्वचा पर एक उभार जो त्वचा से ऊपर उठा होता है) तक जा सकता है और अंततः एक एरोसन या अल्सरमें विकसित हो सकता है। कभी कभार, एक से अधिक घाव हो सकते है (~40%), HIV से संक्रमित लोगों में एकाधिक घाव अधिक आम होते हैं। घाव दर्द भरे या कोमल (30%) हो सकते हैं और वे जननांगों के बाहर (2–7%) हो सकते हैं। महिलाओं में सबसे आम स्थान गर्भाशय ग्रीवा (44%), विषमलिंगी पुरुषों में लिंग (99%) और समलिंगी पुरुषों में गुदा और रेक्टल अधिक आम स्थान (34%) हैं। संक्रमण के क्षेत्र में लसिका नोड अक्सर बढ़ता (80%) है, जो व्रण के निर्माण के सात से 10 दिनों के बाद होता है।<ref name=Pri2008/ घाव, बिना उपचार के तीन से छः सप्ताह तक बना रह सकता है।
| 0.5 | 4,062.527985 |
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A5%82%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%95
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सूजाक
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प्राथमिक संक्रमण के लगभग चार से दस सप्ताहों के बाद द्वितीयक सिफलिस होता है। जबकि द्वितीयक रोग कई भिन्न-भिन्न रूपों के लिये जाना जाता है, यह अधिकतर ऐसे लक्षणों से प्रकट होता है जिनमें त्वचा, म्यूकस मेम्ब्रेन और लसिका नोड शामिल होती है। धड़ व अग्रांगो, जिसमें हथेली और तलवे शामिल हैं, पर समान आकार, लाल-गुलाबी, खुजली/जलन रहित चकत्ते हो सकते हैं। ये चकत्ते मैक्युलोपॉपुलर या पुस्ट्युलर(मस्से से भरे हुये) हो सकते हैं। यह सपाट, चौड़ा, गेहुए रंग का, मस्से जैसे घाव का रूप ले सकता है जिसे श्लेष्म झिल्ली पर कोन्डिलोमा लैटम कहा जाता है। इन सभी घावों में बैक्टीरिया पलते हैं जो कि संक्रामक होते हैं। अन्य लक्षणों में बुखार, गल-शोथ,बेचैनी, वजन हानि, बालों की हानि और सिरदर्दशामिल हो सकते हैं। दुर्लभ अभिव्यक्तियों में हेपीटाइटिस, किडनी रोग, गठिया, पेरियोस्टिटिस, ऑप्टिक न्यूरिटिस, यूवेटिस और इंटरटेस्टिएल केरिएटाइटिसशामिल हो सकते हैं। गंभीर लक्षण आम तौर पर तीन से छः सप्ताह के बाद दिखते हैं; हलांकि, लगभग 25% लोगों में द्वितीयक लक्षणों की पुनरावृत्ति हो सकती है। द्वितीयक लक्षणों वाले बहुत सारे लोग (40–85% महिलायें, 20–65% पुरुष) प्राथमिक सिफलिस के विशिष्ट व्रण पहले न होने को रिपोर्ट करते हैं।
| 0.5 | 4,062.527985 |
20231101.hi_163394_8
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A5%82%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%95
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सूजाक
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अव्यक्त सिफलिस को रोग के लक्षणों के बिना संक्रमण के सेरोलॉजिक साक्ष्य द्वारा परिभाषित किया जाता है। अमरीका में इसे शीघ्र (early) (द्वितीयक सिफलिस के बाद 1 वर्ष से पहले) या विलम्बित (late) (द्वितीयक सिफलिस के 1 वर्ष से अधिक बाद) के रूप में भी जाना जाता है। यूनाइटेड किंगडम शीघ्र (early) और विलम्बित (late) अव्यक्त सिफलिस के लिये दो वर्ष का कट-ऑफ का उपयोग करता है। शीघ्र (early) अव्यक्त सिफलिस में लक्षणों का पतन हो सकता है। विलम्बित (late) अव्यक्त सिफलिस अलाक्षणिक है और शीघ्र (early) अव्यक्त सिफलिस जितना संक्रामक भी नहीं है।
| 1 | 4,062.527985 |
20231101.hi_163394_9
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A5%82%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%95
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सूजाक
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तृतीयक सिफलिस आरंभिक संक्रमण के 3 से 15 वर्षों के बाद हो सकता है और इसको तीन विभिन्न रूपों में विभाजित किया जा सकता है: गुमैटियस सिफलिस (15%), विलम्बित न्यूरोसिफलिस (6.5%) और कार्डियोवस्क्युलर सिफलिस (10%)। उपचार के बिना एक तिहाई संक्रमित लोगों में तृतीयक सिफलिस रोग विकसित हो जाता है। तृतीयक सिफलिस से पीड़ित लोग संक्रामक नहीं होते हैं।
| 0.5 | 4,062.527985 |
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https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A5%82%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%95
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सूजाक
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गुमैटियस सिफलिस या विलम्बित सौम्य सिफलिस आमतौर पर आरंभिक संक्रमण के 1 से 46 वर्षों के बाद होता है, औसत अवधि 15 वर्ष है। इस चरण को पुराने गुमा से पहचाना जाता है जो कि मुलायम, ट्यूमर जैसे फूले हुये गेंदाकार उभार होते हैं और जिनका आकार भिन्न-भिन्न होता है। वे आमतौर पर त्वचा, हड्डी और लीवर पर असर डालते हैं और कहीं भी हो सकते हैं।
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सूजाक
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न्यूरोसिफलिस एक ऐसा संक्रमण है जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्रसे संबंधित है। यह जल्दी हो सकता है और अलाक्षणिक या सिफलिस मैनिन्जाइटिसके रूप में अथवा मैनिन्गोवस्क्युलर सिफलिस, जनरल पैरिसिस या टेब्स डोर्सालिस के रूप में विलंबित हो सकता है जो कि निचले अंग्रांगों में चमक वाले दर्द और खराब संतुलन से संबंधित है।विलंबित न्यूरोसिफलिस आम तौर से, संक्रमण के 4 से 25 वर्षों के बाद होता है। मेनिंगोवस्क्युलर सिफलिस आम तौर पर उदासीनता और दौरे और सामान्य पेशियों का पक्षाघात जिनमें पागलपन और टेब्स डोर्सालिसशामिल है। साथ ही, एग्रिल रॉबर्टसन प्यूपिल, हो सकते हैं जो द्विपक्षीय छोटे प्यूपिल होते हैं जो तब जकड़ते हैं जब व्यक्ति नजदीकी वस्तु पर ध्यान केंद्रित करता है लेकिन तब नहीं जकड़ते हैं जब चमकीले प्रकाश से सामना होता है।
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सूजाक
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कार्डियोवस्क्युलर सिफलिस आमतौर पर संक्रमण के 10–30 वर्षों के होता है। सबसे सामान्य जटिलता सिफिलिटिक एऑर्टिटिस है जिसके परिणामस्वरूप धमनीविस्फार निर्माण हो सकता है।
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कुशीनगर
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इस प्राचीन स्थान को प्रकाश में लाने के श्रेय जनरल ए कनिंघम और ए. सी. एल. कार्लाइल को जाता है जिन्होंनें 1861 में इस स्थान की खुदाई करवाई। खुदाई में छठी शताब्दी की बनी भगवान बुद्ध की लेटी प्रतिमा मिली थी। इसके अलावा रामाभार स्तूप और और माथाकुंवर मंदिर भी खोजे गए थे। 1904 से 1912 के बीच इस स्थान के प्राचीन महत्व को सुनिश्चित करने के लिए भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग ने अनेक स्थानों पर खुदाई करवाई। प्राचीन काल के अनेक मंदिरों और मठों को यहां देखा जा सकता है।
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कुशीनगर
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कुशीनगर के करीब फाजिलनगर कस्बा है जहां के 'छठियांव' नामक गांव में किसी ने महात्मा बुद्ध को जहरीला सूकर मद्दव > < कुकुर मुत्ता > < आधुनिक मशरूम. खिला दिया था जिसके कारण उन्हें दस्त की बीमारी शुरू हुई और मल्लों की राजधानी कुशीनगर तक जाते-जाते वे निर्वाण को प्राप्त हुए। फाजिलनगर में आज भी कई टीले हैं जहां गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास विभाग की ओर से कुछ खुदाई का काम कराया गया है और अनेक प्राचीन वस्तुएं प्राप्त हुई हैं। फाजिलनगर के पास ग्राम जोगिया जनूबी पट्टी में भी एक अति प्राचीन मंदिर के अवशेष हैं जहां बुद्ध की अतिप्रचीन मूर्ति खंडित अवस्था में पड़ी है। गांव वाले इस मूर्ति को 'जोगीर बाबा' कहते हैं। संभवत: जोगीर बाबा के नाम पर इस गांव का नाम जोगिया पड़ा है। जोगिया गांव के कुछ जुझारू लोग `लोकरंग सांस्कृतिक समिति´ के नाम से जोगीर बाबा के स्थान के पास प्रतिवर्ष मई माह में `लोकरंग´ कार्यक्रम आयोजित करते हैं जिसमें देश के महत्वपूर्ण साहित्यकार एवं सैकड़ों लोक कलाकार सम्मिलित होते हैं।
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कुशीनगर
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कुशीनगर से 16 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में मल्लों का एक और गणराज्य पावा था। यहाँ बौद्ध धर्म के समानांतर ही जैन धर्म का प्रभाव था। माना जाता है कि जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी ( जो बुद्ध के समकालीन थे) ने पावानगर (वर्तमान में फाजिलनगर ) में ही परिनिर्वाण प्राप्त किया था। इन दो धर्मों के अलावा प्राचीन काल से ही यह स्थल हिंदू धर्मावलंम्बियों के लिए भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। गुप्तकाल के तमाम भग्नावशेष आज भी जिले में बिखरे पड़े हैं। लगभग डेढ़ दर्जन प्राचीन टीले हैं जिसे पुरातात्विक महत्व का मानते हुए पुरातत्व विभाग ने संरक्षित घोषित कर रखा है। उत्तर भारत का इकलौता सूर्य मंदिर भी इसी जिले के तुर्कपट्टी में स्थित है। भगवान सूर्य की प्रतिमा यहां खुदाई के दौरान ही मिली थी जो गुप्तकालीन मानी जाती है। इसके अलावा भी जनपद के विभिन्न हिस्सों में अक्सर ही जमीन के नीचे से पुरातन निर्माण व अन्य अवशेष मिलते ही रहते हैं।
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कुशीनगर
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कुशीनगर जनपद का जिला मुख्यालय पडरौना है जिसके नामकरण के सम्बन्ध में यह कहा जाता है कि भगवान राम के विवाह के उपरान्त पत्नी सीता व अन्य सगे-संबंधियों के साथ इसी रास्ते जनकपुर से अयोध्या लौटे थे। उनके पैरों से रमित धरती पहले पदरामा और बाद में पडरौना के नाम से जानी गई। जनकपुर से अयोध्या लौटने के लिए भगवान राम और उनके साथियों ने पडरौना से 10 किलोमीटर पूरब से होकर बह रही बांसी नदी को पार किया था। आज भी बांसी नदी के इस स्थान को 'रामघाट' के नाम से जाना जाता है। हर साल यहां भव्य मेला लगता है जहां उत्तर प्रदेश और बिहार के लाखों श्रद्धालु आते हैं। बांसी नदी के इस घाट को स्थानीय लोग इतना महत्व देते हैं कि 'सौ काशी न एक बांसी' की कहावत ही बन गई है। मुगल काल में भी यह जनपद अपनी खास पहचान रखता था।
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कुशीनगर
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कुशीनगर उत्तरी भारत का एक प्राचीन नगर है जो मल्ल गण की राजधानी था। दीघनिकाय में इस नगर को 'कुशीनारा' कहा गया है (दीघनिकाय २।१६५)। इसके पूर्व इसका नाम 'कुशावती' था। कुशीनारा के निकट एक सरिता 'हिरञ्ञ्वाती' (हिरण्यवती) का बहना बताया गया है। इसी के किनारे मल्लों का शाल वन था। यह नदी आज की छोटी गंडक है जो बड़ी गंडक से लगभग १२ किलोमीटर पश्चिम बहती है और सरयू में आकर मिलती है। बुद्ध को कुशीनगर से राजगृह जाते हुए ककुत्था नदी को पार करना पड़ा था। आजकल इसे बरही नदी कहते हैं और यह कुशीनगर से 12 किमी की दूरी पर बहती है।
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कुशीनगर
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बुद्ध के कथनानुसार कुशीनगर पूर्व-पश्चिम में १२ योजन लम्बा तथा उत्तर-दक्षिण में ७ योजन चौड़ा था। किन्तु राजगृह, वैशाली अथवा श्रावस्ती नगरों की भाँति यह बहुत बड़ा नगर नहीं था। यह बुद्ध के शिष्य आनन्द के इस वाक्य से पता चलता है- "अच्छा हो कि भगवान की मृत्यु इस क्षुद्र नगर के जंगलों के बीच न हो।" भगवान बुद्ध जब अन्तिम बार रुग्ण हुए तब शीघ्रतापूर्वक कुशीनगर से पावा गए किन्तु जब उन्हें लगा कि उनका अन्तिम क्षण निकट आ गया है तब उन्होंने आनन्द को कुशीनारा भेजा। कुशीनारा के संथागार में मल्ल अपनी किसी सामाजिक समस्या पर विचार करने के लिये एकत्र हुए थे। संदेश सुनकर वे शालवन की ओर दौड़ पड़े जहाँ बुद्ध जीवन की अंतिम घड़ियाँ गिन रहे थे। मृत्यु के पश्चात् वहीं तथागत की अंत्येष्टि क्रिया चक्रवर्ती राजा की भाँति की गई। बुद्ध के अवशेष के अपने भाग पर कुशीनगर के मल्लों ने एक स्तूप खड़ा किया। कसया गाँव के इस स्तूप से ताम्रपत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें उसे "परिनिर्वाण चैत्याम्रपट्ट" कहा गया है। अतः इसके तथागत के महापरिनिर्वाण-स्थान होने में कोई सन्देह नहीं है।
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